My odia poem SABDA THARU URDHRE translated into Hindi by eminent reviewer & translator Raj Kishor Pattnaik.
Humbled & Grateful.
ଶବ୍ଦ ଠାରୁ ଉର୍ଦ୍ଧରେ!
ସମ୍ପର୍କ ଏଠି ଅବର୍ଣ୍ଣନୀୟ
ନିର୍ଜନତା ଏଠି ଶବ୍ଦ ଠାରୁ ଉର୍ଦ୍ଧରେ
ବେନାମୀ ସମ୍ପର୍କ ପାଇଁ ଦୁହିଁଙ୍କ ଜୀବନ
ହୁତୁହୁତୁ ହୋଇ ଜଳୁଛି ଅଭିମାନ ର ବହ୍ନି
ମୋ ସୁପ୍ତ ଆଖିରେ ତୁମର ପ୍ରତିଛବି
ଚାହିଁଲେ ବି ଆଖି କୁ ମୁଦି ପାରୁନି
ଝାପ୍ସା ସବୁ ପୁରୁଣା ସ୍ମୃତି
ଯେଉଁ ରାସ୍ତା ଦେଈ ଯାଇଥିଲେ
ତାହା ଆଜି ମତେ ପରିହାସ କରେ
ଯାହା ସବୁ ସ୍ବପ୍ନ ସବୁ ଉଜୁଡିଛି
ନିଃସଙ୍ଗ ରାତିର ବେଦନା
ଦିନର ଦୁଃଖଭରା ମୁହୂର୍ତ୍ତ
ଚାରିଆଡେ ଖାଲି ଶାନ୍ତ
କହୁଛି ଦୁରେଇ ରୁହ
କିନ୍ତୁ ଆଜିବି ମୋ ଆଖିରେ
ଖାଲି ତୁମର ହିଁ ପ୍ରତିଛବି!
ଡ଼କ୍ଟର ପ୍ରସନ୍ନ କୁମାର ଦଳାଇ
କବିସୂର୍ଯ୍ୟନଗର
ଗଞ୍ଜାମ!
Translated into Hindi
By Raj Kishor Patnaik.
शब्दों से परे
अवर्णनीय यह बंधन है,
शब्दों से परे यह जीवन है।
एकांत के इस वीराने में,
दिल जला, अभिमान के अंगारे में।
तेरी परछाईं, मेरी नींदों में,
आँखें बंद करूँ, मगर देखूँ सपनों में।
धुंधले हुए, सब पुराने पल,
वो राहें आज भी, करती हैं हलचल।
सपने जो कभी थे मेरे,
सब उजड़ गए, साथ तेरे।
रातों की तन्हाई का दर्द,
दिनों के दुख भरे लम्हात।
चारों ओर फैला सन्नाटा,
कहता है मुझसे, “दूर हो जा।”
फिर भी, मेरी आँखों के झरोखे में,
बसती है बस, तेरी ही तस्वीरें।
अवर्णनीय यह बंधन है,
शब्दों से परे यह जीवन है।
शब्दों से परे यह जीवन है…
– डॉ. प्रसन्न कुमार दलाई
(कबिसूर्यनगर, गंजाम)
Hindi translation